पालकमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में योजनाओं के लाभार्थी परेशान

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पालकमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में योजनाओं के लाभार्थी परेशान
 
वृध्दों, दिव्यांगों, विधवा महिला परेशान, तहसील कार्यालय में काट रहे चक्कर
 
कर्मियों की कार्यप्रणाली से लोग प्रस्त
 
 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि . 14 फरवरी 2023
रिपोर्ट :- रमाकांत यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 

पूरी खबर:-बल्लारपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का निर्वाचन क्षेत्र है. पालकमंत्री के विशेष पहल से ही निराधार लाभार्थियों को प्रतिमाह मिलने वाले आर्थिक मानधन में वृध्दि हुई है. उनके क्षेत्र के तहसील के कार्यालय के कर्मियों की वजह से कई लाभार्थी सरकार की ओर से दी जा रही इस कल्याणकारी योजना की प्रतीक्षा में है. इससे बड़ी शोकांतिका क्या हो सकती है. इस विषय को लेकर पालकमंत्री द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है

 बल्लारपुर तहसील की तहसीलदार प्रसूति अवकाश यहां तहसील कार्यालय में कोई किसी की सुध लेने वाला नहीं है. यहां कर्मी अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता विशेषकर वृध्दों, दिव्यांगों, बेसहारा, विधवा महिलाओं, छात्रों आदि को उठाना पड़ रहा है. एक काम के लिए बार-बार चक्कर काटने के लिए विवश किया जाता है. चंद मिनटों के काम के लिए घंटों प्रतीक्षा करने के लिए विवश किया जाता है. अशिष्टता के साथ लोगों के साथ व्यवहार किया जा रहा है. नियमों में बैठने के बाद भी अपनी मर्जी चलाते हुए आवेदकों के आवेदनों को निरस्त कर दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. ऐसे कितने वृध्द है जिन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बल्लारपुर शहर के शिवनगर वार्ड की एक 76 वर्षीय महिला ने श्रावण बाल योजना के लाभार्थी के लिए सेतू केन्द्र से ऑनलाइन आवेदन किया था
सभी आवश्यक कागजात जोड़कर आवेदन करने के बाद भी तहसील कार्यालय के आय प्रमाणपत्र देने वाले कर्मी ने उसके आवेदन पर रिमार्क दिया कि पुत्र की आयु 25 वर्ष से अधिक है. जबकि महाराष्ट्र शासन के जी. आर में स्पष्ट उल्लेख है कि श्रावण बाल योजना के लिए पुत्र की आयु की शर्त रद्द कर दी गई है. हाल ही में इससे पूर्व कई ऐसे आवेदक थे जिनके पुत्र की आयु 25 वर्ष से अधिक थी उन्हें धित कर्मी ने इन्कम प्रमाणपत्र इश्यू किया है. वृध्द महिला के पुत्र ने जब तहसील कार्यालय के संबंधित कर्मी से आवेदन के संदर्भ में पूछा तो संबंधित कर्मी का कहना था कि उसके पास सेतू से आवेदन नहीं आया है जबकि सेतू केन्द्र में आवेदन निरस्त किए जाने का कारण पुत्र की आयु 25 वर्ष होने का संबंधित कर्मी के रिमार्क का प्रमाण मौजूद है. इस तरह बिना किसी वजह से आम नागरिकों को हताश, परेशान करने का काम प्रमाणपत्रों को बनाने के समय किया जा रहा है संबंधित कर्मी को इन्कम प्रमाणपत्र सहित आवश्यक प्रमाणपत्र वैरीफाई करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौपी गई. कई लोगों की शिकायतें है वे आवेदकों से अशिष्टता से पेश आते है, आवेदकों को खरी खोटी सुनाकर वापस लौटा देते है. कई वृध्द, दिव्यांग, विधवा, बेसहारा लोग इस कर्मी के व्यवहार के कारण काफी त्रस्त हो चुके हैं. उच्च अधिकारियों से संबंधित कर्मी की शिकायतें की गई परंतु अब किसी ने ध्यान नहीं दिया है