चंद्रपुर लोकसभा मतदाता कहा..? विकास, जुमला या व्यक्ति विशेष….

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चंद्रपुर लोकसभा मतदाता कहा..? विकास, जुमला या व्यक्ति विशेष….


क्या इस बार अंतर क्लेश कों खत्म कर पाएंगे सुधीर मुनगंटीवार.?

 

चंद्रपुर लोकसभा : 2024

चंद्रपुर : चंद्रपुर जिले की लोकसभा मे ६ विधानसभा आती है जिसमें चंद्रपुर शहर जिसके विधायक किशोर जोरगेवार है. बल्लारपुर विधानसभा से सुधीर मुनगंटीवार विधायक हैं. वरोरा विधानसभा से प्रतिभा धानोरकर विधायक हैं. राजुरा विधानसभा से सुभाष धोटे विधायक हैं. आरणी विधानसभा से संदिप धुर्वे विधायक हैं. और वणी विधानसभा से संजिव रेड्डी बोदकुलवार विधायक हैं. वहीं 2019 के विधानसभा के आंकड़ों को देखा जाए तो चंद्रपुर लोकसभा के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी ने तीन विधानसभा सीट जीती है. वही कांग्रेस को दो पर जीत हासिल की और एक पर जनता ने निर्दलीय उम्मीदवार को चुना है.
महत्वपूर्ण बात यह है की 4 बार लोकसभा पहुंचे सांसद 2019 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे हंसराज अहिर को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी रहे बालु धानोरकर ने हंसराज अहिर को 44 हजार से भी ज्यादा वोटों से शिकस्त दि थी. हार के बाद मंथन और चर्चाओ का दौर चला, आरोप प्रत्यारोप हुए और अंत मे हार का ठिकरा घर के भेदि पर मढ़ा गया.

 


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जानकारों की माना जाए तो कांग्रेस के लोक-सभा प्रत्याशी बालु धानोरकर वरोरा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करते ही, वे 2019 के लोक-सभा की तैयारी में जुट गए थे. इसके विपरित हंसराज अहिर पर जनता का आरोप रहा है की दिल्ली पहुंचने के बाद, दिल्ली पहुंचाने वाली जनता के जनसंपर्क से 5 सालों तक दुर होते नजर आए है. कहा जा रहा है की उसी का परीणाम है की हंसराज अहिर को हार का मुंह देखना पड़ा है. वहीं पुरे महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट जीतकर बालु धानोरकर कांग्रेस की साख बचाने मे कामयाब रहे हैं.

अंतर क्लेश का प्रभाव कहा तक

2019 के लोकसभा चुनाव के निर्णय आने के बाद चंद्रपुर जिले से चार बार लोकसभा सांसद हंसराज अहिर की पराजय के बाद कुछ ही माह के बाद महाराष्ट्र राज्य के विधानसभा चुनाव में इसका दुष्परिणाम देखने को मिला. जिसमें हंसराज अहिर के कार्यकर्ताओं ने चंद्रपुर शहर के दो बार के विधायक नाना भाऊ श्याकुले को हंसराज अहिर के कार्यकर्ताओं का विरोध का सामना करना पड़ा और चंद्रपुर शहर की सीट भी भारतीय जनता पार्टी को गंवानी पड़ी. भारतीय जनता पार्टी की अंतर कलह के कारण लोकसभा में कांग्रेस के बालु धानोरकर और निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार को भारी बहुमत से विजय हासिल हुई.

क्या इस बार अंतर क्लेश कों खत्म कर पाएंगे सुधीर मुनगंटीवार.?

चंद्रपुर जिले में विकास पुरुष के नाम से विख्यात सुधीर मुनगंटीवार को लोकसभा पहुंचाने का भारतीय जनता पार्टी का निर्णय समय की मांग माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न चार सौ पार में क्या सुधीर मुनगंटीवार का भी सहयोग होगा? क्योंकि एक ओर कांग्रेस में दमदार प्रत्याशीयो की होड़ है. वहीं हसंराज अहिर की दावेदारी पर पानी फिरने के बाद अब देखना होगा उनके नाराज कार्यकर्ताओं का दिल और दिमाग कहा होगा.? कहा जा रहा है की उत्तर भारतीय क्षेत्र में उनकी अच्छी खासी पकड़ है. लोकसभा में उत्तर भारतीय जनता भी जीत और हार को प्रभावित कर सकती है. वेकोली क्षेत्र में वर्षो से बसे उत्तर भारतीय, भाईया के आदेश को अनदेखा करने का क्या इरादा बना पाएंगे.?

विजय वडेट्टीवार का संवाद और धानोरकर की किले बंदी..

 

जिसमे आज हर प्रत्याशी अपनी अपनी दावेदारी पेश करने में जुटा हुआ है. कांग्रेस पार्टी में चंद्रपुर लोकसभा में दिग्गजों की कमी नही है. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव मे‌ बालु धानोरकर की जित के पिछे ब्रम्हपुरी के विधायक और विरोधी पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार की भी भागीदारी मानी जा रही है. विरोधियों को संवाद से धराशाही करने में माहिर विजय वडेट्टिवार माहिर माने जाते हैं. जिसमें पिछले लोकसभा चुनाव में शराब बंदी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने में वडेट्टीवार कामयाब भी रहे है. उनके संवाद से लोग प्रभावित हुए एक ओर जहां दुधवाला दुसरी ओर दारुवाला दोनों संवाद खुलेआम सभाओ में ललकारते दीखाई दिए. जनता विरोधी पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार के संवाद से प्रभावित हुई. वहि दुसरी ओर बालु धानोरकर की चार साल की किले बंदी सोने पर सुहागा साबित हुई.