सहारा इंडिया शाखा प्रबंधक गिरफ्तार 

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 सहारा इंडिया शाखा प्रबंधक गिरफ्तार
कार्रवाई आरोपी शहर में ही अपना आलीशान घर बनवाने में था व्यस्त
 
पुलिस बताती रही फरार सहारा इंडिया का सेक्टर मैनेजर अमृत हुआ गिरफ्तार, 18 महीने से शहर में ही था
 
 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र

दि .20 मार्च 2024

रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 
पूरी खबर:-18 महीने से फरार सहारा इंडिया का फरार शाखा प्रबंधक सोमवार को पकड़ा गया। उस पर धारा 420 120 बी, 34 ताहि, धारा 6.10 छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम, धारा 4, 5, 6 इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम के तहत अपराध दर्ज है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद पुलिस उसे लगातार ढूंढ रही थी।
सरकार के दावों, जिले के निवेशकों के लगातार चल रहे आंदोलन के कारण 29 सितंबर 2022 को कोतवाली पुलिस ने अमृत के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया था लेकिन इसे फरार बताती रही। आरोपी अमृत शहर में ही अपना आलीशान घर बनवाने, सांगीतराई कोसमनारा के बीच बंद पड़े एक बार को भाड़े पर लेकर जीर्णोद्धार कराने में व्यस्त रहा। अब एसपी के फरार आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश के बाद कोतवाली पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।
जिले में चिटफंड कम्पनियों पर कार्रवाई सुस्त रही। बड़ा रिटर्न देने के नाम पर निवेशक कराने और रुपए लेकर भाग जाने वाली कम्पनियों पर हुई है, 30 से ज्यादा जिला उपभोक्ता फोरम में चल रहे सहारा इंडिया के निवेशकों के परिवाद पर जवाब देते हुए अमृत कहता था कि सहारा इंडिया का सोसाइटी से कोई संबंधी नहीं है। सोसाइटी में निवेश करने वाले निवेशक सोसाइटी के लोग गिरफ्तार हुए हैं लेकिन रिकवरी नहीं हो पाई है। ज्यादातर निवेशकों में ग्रामीण हैं, जो नासमझी में रकम निवेश करते रहे। ये लोग पुलिस पर दबाव नहीं बना सके इसलिए पहले भी तीन अफसरों को किया गिरफ्तार, सभी जमानत पर छूट गए
 
हॉकर से सहारा एजेंट फिर जिला प्रमुख बना अमृत
अमृत श्रीवास एक अखबार का हॉकर था। 2007 में सहारा इंडिया में एजेंट बना, फिर 2018 में सेक्टर मैनेजर (जिला प्रमुख बना) बन गया। सहारा के डायरेक्टर्स ने अमृत को बैंक में लेन-देन के लिए पावर ऑफ डेलीगेशन दिया गया था। 2019 से सहारा के पुराने निवेशकों ने मेच्योरिटी राशि नहीं मिलने पर हंगामा शुरू किया। अमृत लोगों को मेच्योर हुई रकम लेने के बजाय उसे फिर से निवेश करने के लिए कहता था।
सहारा इंडिया के निवेशकों को बताता था दानदाता
रिकवरी और चिटफंड कम्पनियों के डायरेक्टर्स पर गंभीर कार्रवाई नहीं हो सकी। सहारा इंडिया परिवार के नाम पर सहारा के कर्मचारियों द्वारा बनाई गई सोसाइटी में ज्यादातर पैसा शहर के जागरूक और समृद्ध लोगों ने लगाया है। ये निवेशक पुलिस मुख्यालय के आलाअफसरों से लेकर जिले के थानेदार तक को लगातार मैसेज, फोन करते रहे
इसलिए सहारा के जालसाजों पर कार्रवाई शुरू हुई। पहले पुलिस ने ओमप्रकाश शर्मा, पुष्पेंद्र साहू और करुणेश अवस्थी को गिरफ्तार किया, जेल भेजा लेकिन ये लोग जमानत पर छूट गए। 19 फरवरी को पूर्व ब्रांच मैनेजर ओमप्रकाश शर्मा की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश कलेक्टर कोर्ट ने दिए।