गाय चोरो पर रामनगर थाना क्यों नहीं कर रही कार्यवाही

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गाय चोरो पर रामनगर थाना क्यों नहीं कर रही कार्यवाही
 
एक सप्ताह से काट रहे पशुपालक थाने के चक्कर
चंद्रपुर/महाराष्ट्र

दि .19 मार्च 2024

रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 
पूरी खबर:-चंद्रपूर कोसारा के रहने वाले और मेहनत मजदूरी कर गाय पालने वाले  बैजू यादव 10  मार्च से रामनगर थाना का चक्कर काट रहे हैं। उनका गुनाह यही है कि उनकी एक देशी गाय 9-10 मार्च 2024 की रात्रि से गायब है जिसे वे थाने में रिपोर्ट लिखवाना चाहते हैं। इन्ही का दिसंबर 2023 में दो गाय और चोरी हुआ था। इस प्रकार दो ढाई महीने में बैजू यादव के सभी तीनों गाय चोरी ही गये। रामनगर थाना रोज कोई न कोई बहाना बनाकर एक दो घंटे इंतजार करवाने के बाद पशुपालक को वापस घर भेज दे रही है। जबकि यादव ने संभावित चोर का नाम भी बता रहा है। जिस पर चोरी का आरोप लगाया गया है ,उसपर दूसरे के पशु चोरी का आरोप पहले लग चुका है।
               थाने का काम क्या है?
पुलिस थाने का काम ही यह है कि कही कोई अपराध हो और खबर मिलें तो तत्क्षण वहां पहुँचे। शिकायत कर्ता बैजू यादव संभावित गाय चोर का नाम बता रहा है। जबकि रामनगर थाने के पुलिस शिकायत लेने में ही आना कानी कर रहा है। ज्यादा देर लगेगा तो चोर गाय को कहीं और ठिकाना लगा देंगा या  बेंच देंगा। उसके बाद पुलिस को  जांच करने से क्या लाभ होगा।
बैजू यादव पडोली के गैराज में काम किया करते हैं। साथ हीअपने परिवार के मदद से तीन गाय भी पाल रखें थे। दो गाय पिछले दिसंबर में चोरी हो गई थी। चोरी होने के बाद सिर्फ एक गाय बची थी। फिर भी यादव दंपति इस आस में थी कि गर्भवती एक गाय से कई गाय हो जाएगी।  9-10 मार्च की रात की चोरी हुई गाय इसी मार्च महीने में बच्चे देने वाली थी। इसकी कीमत लगभग 25000/₹ होगा। समझा जा रहा है कि वहीं चोर फिर से गाय की चोरी करके ले गया होगा, जो तीन महीने पहले दिसंबर में दो गाय चोरी कर लिया था। पशुपालक पिछले 8 दिनों से इसलिये काम पर नहीं जा पा रहा है कि थाने के  चक्कर लगाने और पुलिस को जांच के लिए कोसारा बस्ती में आने के इंतजार में रह जा रहा है।
  थाने की लापरवाही, केस लेने में आनाकानी
    रात को गाय चोरी होने के बाद 10 मार्च को बैजू यादव ने रामनगर थाना में गाय चोरी की शिकायत लिखाने गया तो संबंधित पुलिस ने दूसरे दिन आने के लिए बोला। यह बताते हुए कि हो सकता कि गाय मिल जाये। उसके बाद से एक सप्ताह से पशुपालक  काम पर जाने के बजाय रामनगर के थाने का चक्कर लगा रहा है।
 गाय चोरी हुए 8 दिनों बाद भी पुलिस जाँच करने नहीं आई। पुलिस क्या चाहती है यह पशुपालक को समझ में नहीं आ रहा है?  चोरी के मामले में रामनगर थाने का इतना ढीला रवैया के पीछे का कारण क्या हो सकता है?  वह भी तब जब  पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक सहित तमाम जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय लगभग एक ही परिसर में है।
        पुलिस की चौकसी की जरूरत
    पुलिस को चोरों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। जानवर मेला, पशु चोरों, गौकशी सहित अन्य संभावित जगहों पर छापा मारना चाहिए। इसी प्रकार चोरी होती रही तो कोई भी दुधारू पशु पालना छोड़ देगा। ऐसे में दूध कहाँ से मिलेगा।