वरोरा के तहसीलदार कौटकर को निलंबित करे.?

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वरोरा के तहसीलदार कौटकर को निलंबित करे.?

अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अनुप यादव की जिलाधिकारी से मांग.

खानपट्टे की समयसीमा खत्म होनेके बावजूद हों रहे बोल्डर पत्थर खनन के मामले को दबानेका आरोप ?

चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 17 मार्च 2024
रिपोर्ट :- अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क

वरोरा :-

पुरी खबर : –  वरोरा तहसील के तहसीलदार योगेश कौटकर के कई भ्रष्ट मामले अब सामने आ रहे है, एक ओर जहाँ अवैध बोल्डर पत्थर खनन मामले अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अनुप यादव ने जब तहसीलदार कौटकर को निवेदन देकर जांच की मांग की थी और सरकार का राजस्व डुबानेवाले काँग्रेस नेता प्रमोद मगरे इनके उपर अपराध दर्ज करनेकी मांग की गई थी, तब तहसीलदार कौटकर ने तक्रारकर्ताको इस मामले के सबूत मांगे थे, इसका मतलब तहसीलदार चौकशी नही करेंगे तो तक्रारकर्ता को सबूत मांगेगे? मगर राज की बात यह है की तहसीलदार कौटकर खुद इस मामले मे प्रमोद मगरे का साथ देकर मामले को रफादफा करनेकी कोशिस कर रहे है और दो माह का समय बीतने के बावजुद सरकारी संमतीकी लूट करनेवाले प्रमोद मगरे को छुट दे रहे है, यह सरकारी अधिकारी तहसीलदार अपने पद का गलत इस्तेमाल करके राष्ट्रद्रोह कर रहे है और इसलिये तहसीलदार कौटकर को निलंबित करनेकी मांग जिलाधिकारीसे की गई है.

काँग्रेस आमदार के बलबुतेपर अपना ठेकेदारी का कारोबार बढानेवाले काँग्रेस नेता प्रमोद मगरे इनके करोडो के ठेके जिले मे चल रहे है और उसमे गुणवंत्ता की जांच की जाये तो कम समय मे इन्होने इतनी बडी संमती लायी कहांसे इसका हिसाब मिल सकता है.ऐसेमे वरोरा तहसील के फ़त्तेपुर गांव के नजदिक पत्थर के खान मे उन्होंने जिस प्रकार का उत्खनन किया अगर वो नापा गया तो करीबन 200 करोड का अवैध उत्खनन होने का अंदाजा है, मगर इस ओर वरोरा तहसीलदार कौटकर आँख मुंदकर बैठे है और राष्ट्रीय संमती की चोरी करनेके प्रमोद मगरे के काम को बढावा दे रहे है,

अभी मिल सकती है परमिशन?

मिली जानकारी के अनुसार प्रमोद मगरे इनको उनके गिट्टी खदान से उत्खनन करनेकी मंजुरी मिल सकती है और फिर मंजुरी का ऑर्डर दिखाके मामले को रफादाफा हो सकता है मगर तहसीलदार कौटकर के इस मामले की जांच होनेपर उनके उपर कारवाई हो सकती है,

क्या है मामला?

वरोरा तहसील के मौजा फ़त्तेपुर सर्व्हे नंबर 179 इस जगह से प्रमोद मगरे किसी भी तरहसे परमिशन नहीं होने के बावजूद अवैध उत्खनन कर रहे है और सर्व्हे नंबर 180 मे जो उन्हें उत्खनन की परमिशन मिली थी उसकी मर्यादा 2/5/2023 को खत्म हुयी थी मगर स्थानीय तहसीलदार कौटकर के साथ लेनदेन के चलते वे बडी मात्रा मे अवैध उत्खनन कर सरकार का करोडो का राजस्व डूबा रहे है और प्रशासन मौनीबाबा बनकर तमाशा देख रहे है. इस गंभीर मामले को देखते हुये अनुपम बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अनुप यादव इन्होने दस्तूरखुद्द तहसीलदार कौटकर के विरोधमे जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त नागपूर, जिला पुलिस अधीक्षक और अँटीकरप्शन ब्युरो के तरफ तक्रार देकर उन्हे निलंबित करनेकी मांग की है,