वणी निलजई कोयले का झोल, क्या जांच गुलदस्ते मे? मुख्य आरोपी न मिलने से जांच अधूरी?

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मुख्य आरोपी न मिलने से जांच अधूरी?


कोयले का झोल, निलजई खदान कोयला हेरा-फेरी प्रकरण, कोयले के हेरा फेरी के लिए एक शहजाद की दो कंपनियां…


यवतमाल/महाराष्ट्र

दि. १० अप्रैल २०२१

पूरी खबर: यवतमाल जिले के वणी में दिनांक 18 मार्च 2021 को निलजई खदान से भरे गए कोयले के तीन ट्रको को वणी पुलिस द्वारा पकड़ने के बाद निलजई खदान से प्राईड मेंटल कंपनी के अफरा-तफरी के प्रकरण का खुलासा हुआ था।

 

  • जिसमें उन तीनों ही ट्रकों में पुलिस ने 75 टन कोयला जप्त किया। डब्लूसीएल खादान से निकले प्राइड मेटल के डीओ के अन्य गाड़ियों ने कोयला कहा और किन प्लाटों पर पहुंचा उन प्लाट मालिकों तक जांच एजेंसीया क्या पहुच पाई है?  इसका खुलासा कर जांच एजेंसियों ने अपराध में सामिल अपराधीयों के नाम का खुलासा कर जनता के समक्ष रखना जरूरी है क्योंकि राष्ट्रीय संपत्ति की हेरा-फेरी कर सरकार को करोड़ों का चुना लगा रहे, इन लोगों का पर्दाफाश होना अब जरुरी हो गया है। आज जनता यह जानने की इच्छुक बैठी है की वे कौन है जिन्होंने इतने बड़ी हेरा-फेरी कर कोयले की बंदर बाट कर सरकारी जांच एजेंसियों की आंख मे धुल झोंकने का काम किया है?

क्या जांच गुलदस्ते?

  • प्राईड मेंटल कंपनी के नाम पर डि ओ से निकले कोयले में पकड़े गए तीन ट्रक के बाद पुलिस की जांच शहजाद शेख और कुबेर वर्मा पर आकर रुक गई है।
  • सुत्रो के मुताबिक कुबेर वर्मा और शहजाद शेख को पुलिस १८ दिनों बाद भी उनका पता लगाने में नाकाम रही है? अब निलजई कोयला प्रकरण की जांच कुबेर वर्मा और शहजाद शेख तक सीमित रह गई है?

 

क्या जांच एजेंसी शहजाद और कुबेर वर्मा तक पहुंच पाएंगी?
क्या शहजाद शेख कानून विश्लेषकों का इस्तेमाल कर बच निकलने में कामयाब रहेंगा?

क्या निलजई कोयला हेरा-फेरी प्रकरण में कोयले के बंन्दर बांट में सामिल अवैध कोयला व्यापारियों तक जांच एजेंसीया पहुंच पाएंगी?

ऐसा होता तो दिखाई नहीं दे रहा है? क्योंकि घटना स्थल पर पकड़े गए सात अपराधीयो ने क्या शहजाद और कुबेर वर्मा का नाम आगे किया है!

क्या प्रमाण देता है?

  • जिससे पुलिस की आगे की जांच जैसे रुक सी गई है? ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है जब तक यह मुख्य अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते तब तक इस घोटाले में शामिल मुख्य कड़ियों का पता लगा पाना अभी दूर की कौड़ी नजर आ रहा है। क्या शहजाद और कुबेर वर्मा कानुन के पैंतरों का इस्तेमाल कर बच निकलने में कामयाब रहेंगे?

या फिर पुलिस उन्हें पकड़ राष्ट्रीय संपत्ति की लुट में लिप्त मुखियाओं को धर जेल की हवा खिलाने में कामयाबी हासिल कर पाएगी?

पकड़े गए तीन ट्रको में से एक ट्रक कुबेर वर्मा के नाम पर और दूसरा ट्रक आफताब के नाम पर रजिस्टर है।

सुत्रो द्वारा प्राप्त पुरी खबर समक्ष है।