जिन्दल पावर प्लांट में पहले ही पहुचा मिलावटी कोयल? बल्लारपुर क्षेत्र की GOCM से उठाया गया 16918 टन कोयला कहा गया?

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जिन्दल पावर प्लांट में पहले ही पहुचा मिलावटी कोयल?

बल्लारपुर क्षेत्र की GOCM से उठाया गया 16918 टन कोयला कहा गया?

प्रशासन का पुरा आशिर्वाद संगीता सेल्स पर?


चंद्रपुर/यवतमाल/वणी

विषश प्रतिनिधि

पुरी खबर :-  आज चंद्रपुर जिले में कोयले की कालाबाजारी का काला कारोबार कोई न ई बात नही है. “कल तेरी बारी तो आज मेरी बारी” यह हम क्या बताना चाहते है? यह प्रश्न आपके मन में आया होगा. यह आपके समझ के परे हो पर, बस यही हम आपको समझना चाहते है. क्योंकि प्रसासन को समझने की अवस्नथा में नहीं है और जनता समझना नही चाहती.!?

बस यही तो खेल है और जिले के कोयला माफियाओ की बल्ले बल्ले…

बतादे चंद्रपुर जिले के घुग्घुस और बल्लारपुर की कोयला खान GOCM और निलजई OCM से मध्य प्रदेश के जिन्दल पावर का 20-20 हजार टन कोयला वणी की संगीता सेल्स को रोड मार्ग से रेलवे साइडिंग पहुंचाने का काम मिला है. और GOCM से 16918 टन (MT) कोयला उठाया जा चुका है. और इसी बल्लारपुर क्षेत्र की GOCM में 3082 टन (MT) कोयला ही बचा है. हमारे सुत्रो द्वारा पता चला है कि संगीता सेल्स के यह कोयले के वाहनों को सीधे रेलवे साईडिग ना जाकर वणी के अपने डेपो पर वाहनों में भरा अच्छा कोयला खाली किया जाता हैं. उपरांत डेपो पर पहले से मौजूद मिट्टी, Black Sand, चार फाइन्स, स्टिल प्लांट का वेस्ट मटेरियल मिला बनावटी कोयला जिन्दल पावर को पहुंचाने वाली राजुर रेलवे वैगीनो में भरा जाता है. पता तो यह भी  चला है कि डिपो जमा होते ही कुछ दिन में ही तिन रेंक भरकर कोयला पहुंचाया गया है और जितनी क्वांटिटी में कोयला पहुंचाया गया है.उतनी क्वांटिटी में कोयला खान से उठा हि नहीं था तो फिर यह कौन सा कोयला जिंदल पावर प्लांट में पहुंचाया गया है?

क्या यह बेड मटेरियल मिले खराब कोयले को मध्य प्रदेश के जिन्दल पावर को भेजा गया है?

उपरांत उठाया गया कोयला खानों से लाया गया, अच्छा कोयला खुले बाजार में ऊंचे दामों में बेचकर हजारों करोड़ों की ठगी का मामला सामने दिखाई पड़ रहा है.

वही हमारे संवाददाता द्वारा कुछ दिन पुर्व रिकार्ड किया गया संगीता सेल्स का डेपो जो चंद्रपुर के तडाली साइडिंग के पास है. वहा पर पहले से जमा मौजूद मिट्टी, Black Sand, चार फाइन्स, स्टिल प्लांट का वेस्ट मटेरियल मिला हजारों टन कोयला वणी की रेलवे साइडिंग पर पहुंचाया जा चुका है. यहां पर पहले से जमा किया गया बेड मटेरियल मिश्रित कोयले को मौका देख वणी के रेलवे साइडिंग में खपा दिया गया है?

यह पुरा मामला प्रकाश में आने के बाद जांच एजेंसियां यदि सक्रिय होते हैं तो इस पुरे प्रकरण में चंद्रपुर और वणी के देनदार और लेनदार व्यापारियों पर जांच एजेंसियों की गाज गिरने की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिसमें मुख्य किरदार में संगीता सेल्स के मालिक (owner) मामा को बड़ी जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ सकता है. पता चला है की मामा के मालिक भांजे है और पुरा वणी, चंद्रपुर, गोकुल उमरेड का कारोबार मामा हि देखते हैं.

आने वाले भागों में पुरे मामले का विवरण आपको पड़ने और देखने को मिल सकता है.