किमती ओपन स्पेस पर बिल्डरों की नजर , ग्राम पंचायत हुआ बिल्डर के सामने नतमस्तक

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किमती ओपन स्पेस पर बिल्डरों की नजर , ग्राम पंचायत हुआ बिल्डर के सामने नतमस्तक

चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि.24 मार्च 2022
रिपोर्ट:- दुर्गापुर सवांददाता-

पुरी खबर:- ग्राम पंचायत उर्जानगर 1 में अनेकों ओपेन स्पेस पर कइयों का कब्जा है। यह सब ग्राम पंचायत के लापरवाही का ही नतीजा है कि कीमती डायवर्टेड  जमीन का ओपेन स्पेस पर लोंग कब्जा कर ले रहे हैं और ग्राम पंचायत उसे हटाने की बजाय, बचे हुए ओपेन स्पेस की जमीन को अतिक्रमण करने दे रही है। अबतक ग्रामपंचायत यही कहती रही है कि 6 महीने से ज्यादा पुराने बांधकाम को तोड़ने का अधिकार हमारे पास नहीं  रहता है। लेकिन कोई भी ओपेन स्पेस, सर्विस रोड, रोड और नाली के जमीन पर जब भी अतिक्रमण होता है जब प्रारंभ में पहला ही दिन रहता है। तब यही ग्राम पंचायत अपने जमीन पर अतिक्रमण करने देती है और  जब 6 महीने हो जाता है तब अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर हो गया, बताकर पल्ला झाड़ लेती है।

बिल्डर को रोका नही गया

ताजा घटना ऐसी है कि ग्राम पंचायत उर्जानगर , वार्ड नं 1 केशरीनंदन नगर के एक लेआउट पर एक बिल्डर ने अपार्टमेंट बनाया , साथ ही  4-5 दुकाने भी बनाये। व्यवसायिक प्लॉट नहीं रहने के कारण दुकान निकालना नियमानुसार गलत है। फिर भी इस पर किसी का कोई एतराज नहीं है। लेकिन वही बिल्डर द्वारा बगल के एक दूसरे ले आउट की लगभग 1800 रुपये चौरस फुट कीमती वाले ओपेन स्पेस जमीन पर कई कॉलम खड़ा करने के लिए गड्डा खुदाई किए जाने लगा। तब संबंधित ले आउट के गिरिधर लांबट सहित कई लोंगो ने 7 मार्च  2022 को  लिखित शिकायत ग्राम पंचायत उर्जानगर को की। उसके बाद ग्राम पंचायत उर्जानगर द्वारा अतिक्रमण कर रहे बिल्डर को रोकना चाहिए था। परन्तु बिल्डर को रोका नही गया। लेआउट के लोंगो ने बार बार ग्राम पंचायत को अवगत कराता रहा। इस बीच बिल्डर ने ओपेन स्पेस के जमीन पर कई कंक्रीट कॉलम खड़ा कर दिया और छत ढलाई करने के लिये सेंट्रिग लगाए जाने लगे तो फिर लेआउट और गाँव के लोंगो ने 21 मार्च को ग्राम पंचायत उर्जानगर जाकर ओपेन स्पेस की जगह पर बिल्डर द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण रोकने के लिए कहा। उसके बाद 22 मार्च को ग्राम पंचायत के सरपंच , सदस्य गण और कर्मचारी  पहुँचे। मापी करने पर बिल्डर द्वारा गलती किये जाने की पुष्टि होने पर भी उनके ऊपर कार्रवाई करने की बजाय ग्राम पंचायत उन्हीं का जी हुजूरी करने लगे।

 

पहले कॉलम खड़ा होने क्यों दिया

  • ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण किये जाने की खबर मिलने के बाद भी जानबूझकर ओपेन स्पेस की कीमती जमीन पर बिल्डर द्वारा कंक्रीट कॉलम खड़ा होने दिया। तब यही ग्राम पंचायत कह रही थी कि एक झटके में अतिक्रमण को हटा देंगे। अब कहा जा रहा है कि थोड़ा कब्जा कर ही लिया तो क्या हो गया।
  •    यहीं ग्राम पंचायत द्वारा 5 – 10 हजार रुपये गृह घर बकाया रहने पर गांववासियों से जबरदस्ती रिकवरी की गई। हजार दो हजार गृह घर बकाया रहने पर कई काम रोक दी जाती है , वहीं ग्राम पंचायत लाखों रुपये की कीमती ओपेन स्पेस की जमीन को यों ही मुफ्त में छोड़ दे रही है। बिल्डिंग बनाकर लाखों रूपये कमाने वाले बिल्डर के ऊपर ग्राम पंचायत उर्जानगर क्यों मेहरबान है?

खानापूर्ति के तौर पर निकाली थी नोटिस

  • ग्रामीण क्षेत्र में ओपेन स्पेस की जगह ग्राम पंचायत की होती है। ओपेन स्पेस की जगह की अतिक्रमण होने से रोकने की जिम्मेदारी सहित उसे विकास करने का काम ग्राम पंचायत का ही होता है। विकास तो हो नहीं रहा,  यहाँ ठीक विपरीत  ले आउट के वासियों द्वारा ओपेन स्पेस के जमीन अतिक्रमण से संबंधित लिखित जानकारी ग्राम पंचायत उर्जानगर को देने के बावजूद अतिक्रमण रोकने की कोशिश नहीं होती अपितु अतिक्रमण कर्ता की तारीफ दारी की जा रही है।

इससे स्पष्ट होता है कि ग्राम पंचायत अपनी ओपन स्पेस जगह को विकास करने की बजाय पैसे वाला व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण करने देना चाहती है। अपनी जगह को बिल्डर द्वारा अतिक्रमण किये देने से लोंगो की नजर में ग्राम पंचायत कटघरे में खड़ी है। बिल्डर के ऊपर इतना मेहरबान क्यों?

उर्जानगर ग्राम पंचायत के जमीन को बचाना है तब विधायक, सांसद, पालकमंत्री जैसे  संबधित जिम्मेवार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इसपर ध्यान देने की जरूरत है। अन्यथा एक दिन क्षेत्र के सभी ओपेन स्पेस को कोई न कोई कब्जा करना शुरू कर देगा।