दुर्घटना में कुत्ते का मृत्यु पर मुआवजा देने का आदेश, साढ़े 8 वर्ष लंबी चली केस…

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दुर्घटना में कुत्ते का मृत्यु पर मुआवजा देने का आदेश

साढ़े 8 वर्ष लंबी चली केस

चंन्द्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 21 दिसंबर 2021

दुर्गापुर सवांददाता- कुत्ते की दुर्घटना में मृत्यु होने पर दुर्घटना मृत्यु दावा देने का आदेश मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल चन्द्रपुर ने दिया है। यह संभवतः 1993 में एक हाथी की दुर्घटना मृत्यु दावा मिलने के बाद का यह पहला केस है।
विस्तृत जानकारी इस प्रकार है कि ओमकार नगर तुकुम वासी उमेश भटकर ने 10 जनवरी 2013 को अपने 11 महीने के कुत्ते को घुमा रहा था कि तभी स्कूल बस ने उसे धक्का मार दिया, जिससे कुत्ते की मृत्यु हो गया। सुबह की 6.30 बजे जब उमेश भटकर ने अयप्पा मंदिर के नजदीक रोड किनारे कुत्ते को घुमा रहा था, कि तभी गोपाल दूध डेयरी के पास मेसर्स रहीम ट्रेवल्स की स्कूल बस क्रमांक एम एच 40 एन 3766 ने कुत्ते को कुचल दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गया। पश्चात थाने में केस दर्ज की गई साथ ही मृत कुत्ते का शल्य परीक्षण किया गया। जिसमें पुष्टि हुई कि कुत्ते की मृत्यु दुर्घटना से हुई है।

मृत्यु से पहले कुत्ता आरती इन्फ्रा कंपनी में ड्यूटी कर रहा था। जिससे मालक को प्रति महीने 8 हजार रुपये मिलता था। कुत्ता के स्कूल बस के गाड़ी के लापरवाही के कारण कुत्ते मृत्यु के कारण प्रति महीना 8 हजार रुपये नुकसान हो रहा था। कुत्ते मालिक उमेश भटकर ने कुत्ते की मृत्यु का मुआवजा के लिए प्रयास किये परन्तु स्कूल बस प्रोपराइटर व उनके इन्सुरेंस कंपनी से बात नहीं बन पाई। अंततः उन्होंने एडवोकेट जयप्रकाश पांडेय के माध्यम से मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल चन्द्रपुर में केस फाइल कराई। केस के दौरान बजाज अलाएंस जेनरल इन्सुरेंस कंपनी लिमिटेड , बस मालिक रहीम ट्रेवल्स और बस चालक सुधाकर थेरे इस प्रकार तीन को पार्टी बनाया गया था। केस के माध्यम से उन्होंने कमाऊ कुत्ते की मृत्यु का नुकसान भरपाई में 5 लाख रुपये का मुआवजा की माँग की थी। साढ़े 8 वर्ष लंबी चली केस पश्चात अंततः परिणाम कुत्ते के मालिक उमेश भटकर के पक्ष में आया। ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया कि गैर अर्जदार द्वारा 162000 /₹ के भुकतान करने के साथ ही 8 फीसदी ब्याज भी दे।

162000/₹ के साढ़े 8 वर्ष का 8 फीसदी ब्याज से कुल जोड़ दी जाए तो लगभग 3 लाख रुपये कुत्ते मालिक को मिल सकता है। कुत्ते मालिक की तरफ से एडवोकेट जयप्रकाश पांडेय ने पक्ष रखा जबकि इन्सुरेंस कंपनी की तरफ से अभय कुल्लुरवार और बस मालिक की तरफ से एन.एस. सूर ने अपना अपना बचाव किया।