कोयले का झोल…! निलजई कोयला प्रकरण गुप्ता और साहु की भुमिका संदेहास्पद ? लगभग 93 ट्रकों से निकाला गया 2200 टन कोयला कहा?

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कोयले का झोल…!
निलजई कोयला प्रकरण गुप्ता और साहु की भुमिका संदेहास्पद ?
लगभग 93 ट्रकों से निकाला गया 2200 टन कोयला कहा?

यवतमाल / महाराष्ट्र
दि. २१ अप्रैल २०२१
पुरी खबर:- यवतमाल जिले के वणी तहसील में निलजई कोयला खान है। जैसा की आप जानते है निलजई कोयला खान में बिते १८ मार्च को पुलिस ने ७ अपराधियों को मौकाएं वारदात से गिरफ्तार किया और पुलिस द्वारा दी गई प्रेस नोट में दो फरार अपराधी बताएं गये थे पर पुलिस अब तक उन दो फरार अपराधियों को पकड पाने में कामयाब नही हुई थी ? उनमें से एक अपराधि कुबेर वर्मा की हालही में अग्रीम जमानत हुई है. कोयला जैसी राष्ट्रीय संपत्ती को लुटकर मुख्य अपराधी कुबेर वर्मा और शहजाद शेख के बारे में पुलिस ने की गई जांच वरिष्ठ स्तर पर जांच का विषय है.

एक दिन पुर्व साहु के टाल पर क्या हुआ? वणी के कीस गुप्ता ने की थी मध्यती..!

  • ‌राष्ट्रीय संपत्ती की लुट में सामील आकाओं के प्रती पुलिस की भुमिका आज संदेह के घेरे में आ चुकी है। सुत्रो के मुताबिक १८ मार्च से एक दिन पुर्व किसी साहु के यहां पर पुलिस टिम पहुंची पर वहां पर कुछ हाथ नही लगा, ऐसा दर्शाया गया है? पर “साच को आंच क्या” सुना है झुठ की उम्र कम होती है, अंतः वही हुआ एक दिन पुर्व का घटनाक्रम जंगल की आग की तरह फैला और जांच पर उंगलियां उठने लगी। चर्चा चली किसी व्यापारी गुप्ता ने बिचौलिया बन लालच का खेल खेला, फिर क्या वहि एक दिन पुर्व साहु का घटनाक्रम अंधेरी गलियों में गुम कर दिया गया। इस घटना से पुलिस की भुमिका और उनकी लालची प्रवृत्ती को एक बार और यवतमाल और चंद्रपुर जिले में कोसा जा रहा है।

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९३ ट्रक कोयले का क्या? सीआईडी जांच में सामने आएगा सच…

  • ‌संपत्ती के प्रती रक्षको की जिम्मेदारी पुरी कर्तव्यनिष्ठ तरीके से होनी चाहिये। इस अफरातफरी प्रकरण में यवतमाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों ने ध्यान देना चाहिये। सही मायने में इस कोयला अफ़रा-तफ़री और उसमें हुये पुरे प्रकरण की जांच सीआयडी के माध्यम से होनी चाहिये, ऐसी मांग अभी जोर पकड रही है। __यवतमाल जिले के निलजई कोयला खान के इस कोयला प्रकरण की जांच ठिक से होनी चाहिये। सिर्फ तिन ट्रक कोयला चोरी पकडकर वणी पुलिस खुद की पिठ थपथपा रही है, लेकिन इसी के साथ ९३ ट्रको से निकाला गया कोयला किन-किन टालों पर बेचा गया, इसकी जांच की जिम्मेदारी भी पुलिस की ही है। लेकिन इस बडे कोयला हेरा-फेरी को कोयला चोरो ने नोटो की गड्डीयों में दबा दिया है, इसकी जांच की जबाबदारी आला अफसरों ने अपने हाथ में लेनी चाहिये। कोयले की इस अफरातफरी के मुख्य सुत्रधार कुबेर वर्मा,अटल बिहारी गीरी साथ ही शहजाद शेख की कडी जांच के साथ ही जिन टालों पर यह कोयला खाली किया गया उन सभी की कडी से कडी जांच होना अनिवार्य समझा जा रहा है।

प्राईड मेटल इंडस्ट्रीज 2300 टन कोयला कहा पहुंचाया गया?

  • ‌प्राईड मेटल इंडस्ट्रीज के अफ़रा-तफ़री के दोनों डिओ 4020 के थे जिसमे लगभग 2300 टन सब्सिडी का कोयला उठाया जा चुका है बिते १८ मार्च को पुलिस ने तिन ट्रकों में 75 टन कोयला जप्त किया सात अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस 2225 टन सब्सिडी के कोयले का पता लगाने में नाकाम रही है? यदि समय रहते इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो जाती है तो राष्ट्रीय संपत्ति के लुटेरों को पकड़ उन्हें उनके सही अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।

आने वाले भागों में टाल धारकों का और धर्म कांटों का खुलासा होगा..!